देसीबाबा रिट्रिट


देसीबाबा तो, तेणे कहिए रे
कभी किसिका नहीं माणे रे || धृ ||

कोई उपकार करे
कोई उपदेश करे
ये जैसे के तैसा रे ||

कोई कुछ माँगने जाए तोहि
उसको ही काम लगाए रे
पॉलिटिक्‍स्‌ में इसे बड़ा मान रे ||

कोई चापलूसी करे, तब खुश रहें जोहि
तोडीपानी माँगे तो, करे ढिश्श्याव रे
पुरी जिंदगानी सेवा करें तभी, आत्मनिर्भर ना बनावें रे ||

कभी ठुल्लू बनाए
कभी उल्लू बनाए
सभी को बुच्चन लगाके, रखे रे ||

गाने लगाए ,आपको बुलाए
फोकट का सब माल लेहि तोहि
बाद में आपकोहि कोलता रे ||

जो भी इनसे भिडने गया, बारंबार पछताया रे
ये सबको कन्फ्युज करे और
सबको गोली खिलाये रे ||

रोग छुडाने कितने आए
रोग बढ़ाके कितने पछताए
सारा ड्रामा देख देख के भाई
 स्माईलींग हो गया बुद्धा रे ||





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