विदेसीबाबा रिट्रिट


विदेसीबाबा तेने कहिएजे
मिलने कभी ना आए रे || धृ ||

जो ज्ञान हमें पुरखोंने सिखाया था
वही  ज्ञान नयी भाषा में सिखाएँ रे ||

जब कोई फोन लगाए तोहि
सदा एन्गेजही आए रे ||

खुदसे जब हम मिलने जाए तोहि
सदा मिटिंग में भागे रे ||

मुँह छिपाने की नौबत आए तोहि
लडकियाँ करे आगे रे ||

कभी प्लेनसे , कभी चॉपरसे
छुमंतर होई जाए रे ||

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