ओ फसी ! ओ फसी !
यहाँ आके, तु कैसे फँसी ?
गांड फटी, गांड फटी !
ऐसीकैसी, तेरी गांड फटी !
ना मैं, तुझसे ...पैसे मांगू,
ना दूंगा, तुझे, कानफटी ! ॥ धृ ॥
ना कभी तू,
गांड फटी, गांड फटी !
ऐसीकैसी, तेरी गांड फटी !
ना मैं, तुझसे ...पैसे मांगू,
ना दूंगा, तुझे, कानफटी ! ॥ धृ ॥
ना कभी तू,
फोन उठाएं !
ना , कभी तेरी,
लाईफलाईन कटी !
मांजा हाथमें, रखनेवालाँ
आज तेरी कैसे, पतंग कटी ? ॥ १ ॥
नाम जरूर है, तुकाराम तेरा !
मगर तु तो, कुत्ताबिल्लीपाल निकला !
राह ना देखे, ईगल तेरी....
कौवा पुछे, तुकायकाय शिकला ?
तुझे जयविजय चाहिए,
मैं तो हूँ, जसपाल भटी ! ॥ २ ॥
ना , कभी तेरी,
लाईफलाईन कटी !
मांजा हाथमें, रखनेवालाँ
आज तेरी कैसे, पतंग कटी ? ॥ १ ॥
नाम जरूर है, तुकाराम तेरा !
मगर तु तो, कुत्ताबिल्लीपाल निकला !
राह ना देखे, ईगल तेरी....
कौवा पुछे, तुकायकाय शिकला ?
तुझे जयविजय चाहिए,
मैं तो हूँ, जसपाल भटी ! ॥ २ ॥
ऐसी लाईट ऑन रखके,
ठुमका लगाके चलीहँसी,
बिना ड्रेनेज का, टॉयलेट देके,
विदेश में, जा बसी !
कार्यक्रम अधुरा निपटाके,
खुद को समझे, एक नारसटी ! ॥ ३ ॥
खुद का काम होने के बाद, फोन ना उठानेवाले के लिए, बनाया गया,
' उर्वशी उर्वशी टेक ईट ईझी उर्वशी ' गीत के धुनपर रचित गीत !
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