बातबातमें,
अपने बेटे से बापने पुँछा !
बेटा,
बेटा,
तु रस्तेपे क्रिकेट खेलने आया और वहाँ के संडासकी खुली टंकीमें सायकल की चाबी कैसे डाल आया?
तब, अपने बाप से बेटा बोला !
बाबा,
बाबा,
तु हरिद्वारके गंगानदीमें जैसे अपनी टोपी बहाके आया !
बातबातमें,
बातबातमें,
अपने बेटे से बापने पुँछा !
बेटा,
बेटा,
तु चनेके खेतमें अपना मोबाईल कैसे भूल आया?
तब, अपने बाप से बेटा बोला !
बाबा,
बाबा,
तु घर का खेत छोडके, और देश का रानीखेत लांघके, ॲमेझॉन के जंगलमें, जैसे अपना पाकीटपर्स भूल आया !
माँ , दोनों बाप-बेटे से बोली !
वाँह बाबा वाँह ! वाँह बेटा वाँह !
कम रखो चाह ! काम देखे राह !
काम सफल करोगे ! तब दुनियाँ बोलेंगी वाह वाह !!
आकाशवाणी की वाणी बोली !
वाह ! ताज ! वाह !
दोनों का तबला बजाए साई !
बापसे बेटा सवाई ! और,
माँ बोले तो, हवाहवाई !!
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