पॉकेटमें पैसे है, ये जानकर !
डोसा खाने आया, वरकर !
वहाँ का वेटर बोला,
थोडा सांबार, थोडी चटनी, लगाकर !
त्रिकोणी डोसे का तु, खान कर !
वहाँ बैठा हुँवा पुजारी बोला,
राम जप कर. नहीं तो हनुमान कर !
पर मानकर डोसा, तु मेरा मानकर !
वहाँ बैठा हुँवा आजोबा बोला,
माँ बाप का सन्मान कर !
और मेरा भी तु मानकर !
वापस जाते सेठ बोला,
राम कृष्ण हरी ऐसा गान कर !
व्हिजिट अगेन टु मानकर !
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