जाऊँ तो कहाँ ?



भितडी की दिवार, 
धरती में खाद भरने के लिये हैं ।

चुतडी का दिखावा, 
बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के लिये हैं ।

मुतडी का बाप, 
लडकीयाँ टापने के लिये हैं !

रतडी की चाल, 
हागते रहने के लिये हैं !

कुछ लोगों का जनम, 
टाईमपास करने के लिये हैं !

कुछ लोगों का सनम, 
ईन्हे झेलने-पेलने के लिये हैं !

जाऊँ तो कहाँ जाऊँ ?, 
जहाँ भी जाऊँ, मैं ईन्हेही पाऊँ !

कोई करे भॉ ! 
तो, कोई करे भाऊ ! 

क्योंकि, हरएक को पॉकीटमें 
चाहिए मनी माऊँ ! 



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